
“काँच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…” गीतों से गूंज उठा मलिया नदी तट — अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य
विंढमगंज सोनभद्र (राकेश कुमार कन्नौजिया)_
आस्था और श्रद्धा के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार की शाम व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। फुलवार के मलिया नदी तट पर व्रती महिलाएं नदी की जलधारा में खड़ी होकर भगवान भास्कर की उपासना में लीन दिखीं।
छठ पूजा सेवा समिति न्याय पंचायत महुली के मुख्य संरक्षक अजय कुमार रजक व वरिष्ठ समाजसेवी संजीव जौहरी के मार्गदर्शन में आयोजित यह पूजन कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ। भगवान सूर्य की आराधना और निर्जला व्रत के बावजूद व्रती महिलाओं और पुरुषों में अपार उत्साह देखा गया।
महुली-फुलवार के बीच बहने वाली मलिया नदी का पावन तट छठ गीतों से गूंज उठा —
“काँच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…”
दण्डवत करते हुए घाट तक पहुंचती व्रती महिलाओं की आस्था ने सभी को भावविभोर कर दिया।
छठ घाट को भव्य तरीके से सजाया गया था। समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी, ग्राम प्रधान अरविंद जायसवाल, मनोज कन्नौजिया, वीरेन्द्र कन्नौजिया, नन्दलाल गुप्ता, राजनाथ गोस्वामी, पंकज गोस्वामी, पंकज कन्नौजिया, विकास कन्नौजिया (बबलू), उदय शर्मा, संजय कन्नौजिया तथा विकास कन्नौजिया (विक्की) सहित सभी सदस्यों ने घाट तक पहुंच मार्ग की सफाई, टेंट, लाइटिंग, चेंजिंग रूम व सेल्फी प्वाइंट की उत्कृष्ट व्यवस्था की। पूरा घाट रोशनी से जगमगा उठा और दृश्य अद्भुत प्रतीत हो रहा था।
सुरक्षा की दृष्टि से विंढमगंज पुलिस मुस्तैदी से डटी रही। वहीं समिति के सभी सदस्य सुबह से ही व्यवस्था में लगे रहे ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
व्रती महिलाएं रातभर नदी में रहकर छठ माता की उपासना करेंगी और मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर इस महान पर्व का समापन करेंगी।
✨ आस्था, शुद्धता और आत्मबल का प्रतीक छठ पर्व, मलिया नदी के तट पर एक अलौकिक आध्यात्मिक माहौल में संपन्न हुआ।









